Sunday 14 July 2013

जीवन

सादर अभिनन्दन सुधी वृन्द... 
महानुभावों! 
       आज बड़े ही हर्ष के साथ आपसे मुखातिब हो रही हूं,जिसके दो कारण हैं। एक तो यह कि एक लम्बे अन्तराल के बाद पूरे हृदय के साथ आपके समक्ष उपस्थित हो पा रही हूं और दूसरा ये कि हमारे सहयोगी आदरणीय श्री अरुन शर्मा जी के आँगन 'कन्या रत्न' का अवतरण हुआ है। हम अरुन भाई से हम मिठाई नहीं खा सकते कोई बात नहीं पर शब्द सुमन तो साझा कर सकते हैं न! इस खुशी के अवसर आदरणीय अरुन जी के साथ सम्पूर्ण समाज को,मैं एक महिला होने के नाते, महान विद्वान समर्सेट माम (Somerset Maughm) के कुछ शब्द समर्पित करना चाहूंगी- 
''A woman will always sacrifice herself if YOU give her opportunity. It is Favourite FORM for SELF INDULGENCE.'' 
        अब चलते हैं कुछ ऐसे लिंक्स पर, जो मुझे प्रभावित करने में सफल रहे। बाकी आप जरूर बताइगा कैसा लगा आज का संकलन-

मूल्यों के गिरते स्तर पर , ये कैसा भारत निर्माण ... नैतिकता के शव पे खड़ा , आज का बदलता हिंदुस्तान .... ये कैसा भारत निर्माण ... 















The bride kissed her father and placed some thing in his hand.  Everyone in the room was wondering what was given to the father by the...


आँगन में बिखरे रहे , चूड़ी कंचे गीत आँगन की सोगात ये , सब आँगन के मीत आँगन आँगन तितलियाँ , उड़ती उड़ती जायँ इक आँगन का हाल ल...





 खामोशियों के बंद दरवाज़े जिस आँगन में खुलते हैं वहाँ समय और गति के सारे समीकरण अपना अर्थ खो बैठे हैं...यहाँ एक ऐसा ब्लैक होल है जहां आकाश ...




  अन्त करते हैं ऋग्वेद की एक वेदोक्ति से- 
अचिकित्वांचिकितुषश्चिदत्र कवीन्पृच्छामि विद्मने न विद्वान। 
वि यस्तस्तम्भ षडिमा रजांस्यजस्य रूपे किमपि स्विदेकम्
 (मनुष्य संसार के विभिन्न रहस्यों को जानने का प्रयत्न अवश्य करे। जब तक वह संसार का आत्मिक और परमार्थिक ज्ञान प्राप्त नहीं कर लेता तब तक मनुष्य जीवन का उद्देश्य पूरा नहीं होता है।)

फिर मिलेंगे... 
तब तक के लिए नमस्कार!

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